महत्वपूर्ण जानकारी

ऐतिहासिक रूप से रेगिस्तानी टिड्डी हमेशा से ही मानव कल्याण की दृष्टि से बड़ा खतरा रही है। प्राचीन ग्रंथों जैसेकि बाइबल और पवित्र कुरआन में रेगिस्तानी टिड्डी को मनुष्यो के लिए अभिशाप के रूप में माना गया है। टिड्डी द्वारा की गई क्षति और नुकसान का दायरा इतना बड़ा है जोकि कल्पना से भी परे है क्योंकि इनकी बहुत अधिक खाने की क्षमता के कारण भुखमरी तक की स्थिति उत्पनन्न हो जाती है। औसत रूप से एक छोटा टिड्डी का झुंड एक दिन में इतना खाना खा जाता है जितना दस हाथी, 25 ऊंट या 2500 व्यक्ति खा सकते हैं। टिड्डियां पत्ते, फूल, फल, बीज, तने और उगते हुए पौधों को खाकर नुकसान पहुंचाती हैं और जब ये समूह में पेड़ों पर बैठती हैं तो इनके भार से पेड़ तक टूट जाते हैं।


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रेगिस्तांनी टिड्डी नियंत्रण पर महत्वपूर्ण जानकारी और मानक संचालन प्रक्रियाओं के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें:-


भारत में रेगिस्तानी टिड्डी के लिए समेकित मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी)

रेगिस्तानी टिड्डियों के आक्रमण, प्रकोप और उभार के लिए आकस्मिक योजना

डीएल वसंत/ग्रीष्म प्रजनन क्षेत्रों में मौसमी वर्षा की भविष्यवाणी (नवंबर 2020 - अप्रैल 2021)


प्रशिक्षण / कार्यशालाएं आयोजित के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें:-



रेगिस्तानी टिड्डी ULV स्प्रेयर रखरखाव पर चार दिवसीय प्रशिक्षण (23-26 जुलाई, 2024)

रेगिस्तांनी टिड्डी पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला (11-12 मार्च, 2024)

रेगिस्तांनी टिड्डी पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला (25-26 नवंबर, 2021)

रेगिस्तांनी टिड्डी पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला (28-29 जनवरी, 2021)

रेगिस्तांनी टिड्डी पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला (19-20 मई, 2018)

रेगिस्तांनी टिड्डी पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला (5-6 अक्टूबर, 2017)

रेगिस्तांनी टिड्डी पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला (29-30 जून, 2017)