FAQ Locust

एसडीए क्या है?

एसडीए का अर्थ है अनुसूचित रेगिस्तानी क्षेत्र (एसडीए) भारत में यह राजस्थान, गुजरात और हरियाणा राज्य में लगभग 2.05 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।.

रेगिस्तानी टिड्डी क्या है?

रेगिस्तानी टिड्डी शॉर्ट-हॉर्न टिड्डे (एक्रिडोइडिया) की लगभग एक दर्जन प्रजातियों में से एक है, जो अपने स्वरुप एवम्‌ व्यवहार को बदलने और वयस्कों या हॉपर (पंख रहित फुदके) के झुंड के रूप में जानी जाती हैं। वयस्कों के झुंड घने और अत्यधिक सक्रिय होते हैं। रेगिस्तानी टिड्डी का वैज्ञानिक नाम शिस्टोसेरका ग्रेगेरिया (फोर्सल) (Schistocerca gregaria) है।

दुनिया और भारत में टिड्डियों की कितनी प्रजातियाँ हैं?

दुनिया में टिड्डियों की नीचे सूची बद्ध 10 महत्वपूर्ण प्रजातियां हैं।


क्र. सं. अंग्रेजी नाम वैज्ञानिक नाम
1. रेगिस्तानी टिड्डी Schistocerca gregaria
2. बॉम्बे टिड्डी Nomadacris succincta
3. प्रवासी टिड्डी Locusts migratoria manilensis;
Locusta migratoria migratoria-oides
4. इटैलियन टिड्डी Calliptamus italicus
5. मोरक्कन टिड्डी Dociostaurus morocannus
6. लाल टिड्डी Nomadacris septemfaciata
7. ब्राउन टिड्डी Locustana pardalina
8. दक्षिण अमेरिकी टिड्डी Schistocerca paranensis
9. ऑस्ट्रेलियन टिड्डी Chortoicetes termenifera
10. पेड़ टिड्डी Anacridium Spp.

भारत में केवल चार प्रकार की टिड्डी अर्थात रेगिस्तानी टिड्डी (Schistocerca gregaria), माइग्रेटरी टिड्डी (Locusta migratoria) बॉम्बे टिड्डी (Nomadacris succincta) और पेड़ टिड्डी (Anacridium Spp.) पाई जाती हैं। रेगिस्तानी टिड्डी भारत के साथ-साथ अंतरमहाद्वीपीय संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण कीट है।

टिड्डी चेतावनी संगठन LWO की स्थापना किस वर्ष में की गई थी?

टिड्डी चेतावनी संगठन (LWO) की स्थापना सन्‌ 1939 में हुई थी, बाद में सन्‌ 1946 में इसका विलय (पादप संरक्षण संगरोध और भंडारण निदेशालय) DPPQ&S में हो गया।

LWO द्वारा क्या कार्य किए जा रहे हैं?

LWO अन्य हित धारकों के साथ समन्वय करता है, टिड्डियों की स्थिति पर आधारित सामयिक बुलेटिन जारी करता है, भारत-पाक के बीच सीमा बैठक आयोजित करता है और रबी सीजन में किसान खेत पाठशाला (FFS) कार्यक्रम का आयोजन करता है। इसके अतिरिक्त टिड्डी के उतार –चढ़ाव के हर साल SDA में टिड्डी की निगरानी और नियंत्रण का काम करता है।

क्या राष्ट्रों के बीच कोई सीमा बैठक आयोजित हो रही है?

हाँ, टिड्डियो के सक्रिय मौसम में भारत-पाक के बीच सीमा बैठक आयोजित होती हैं।

टिड्डियों और टिड्डों के बीच क्या अंतर है?

टिड्डे कीटों के एक बड़े समूह का हिस्सा होते हैं जिन्हें आमतौर पर टिड्डे कहा जाता है जिनके कूदने के लिए पीछे के पैर बड़े होते हैं। टिड्डे कीटों की acridae family के अंतर्गत आते हैं। टिड्डियाँ टिड्डो से भिन्न होती हैं, वे अपने स्वरूप और व्यवहार को बदलने की क्षमता रखती हैं और बड़ी दूरी पर प्रवास कर सकती हैं।

भारत में टिड्डियों के आक्रमण का इतिहास क्या है?

ऐतिहासिक रूप से, रेगिस्तानी टिड्डी हमेशा से ही मनुष्य जाति के लिए एक बड़ा खतरा रही है। रेगिस्तानी टिड्डी का उल्लेख प्राचीन लेखन यथा बाइबल और पवित्र कुरान में मानव जाति के लिए अभिशाप के रूप में किया गया है। टिड्डियों के कारण होने वाली क्षति और क्षति की मात्रा कल्पना से परे बहुत विशाल है, क्योंकि रेगिस्तानी टिड्डी एक पॉलीफेगस कीट होने के कारण भुखमरी का कारण बन सकती है, औसत आकार के टिड्डी झुंड एक दिन में 10 हाथियों, 25 ऊंटों या 2500 लोगो के जितना भोजन खा जाते हैं । टिड्डी पौधों की पत्तियों, फूलों, फलों, बीजों, छाल और उगने वाले अंकुरों को नष्ट करके नुकसान पहुंचाती हैं, साथ ही जब वे बड़े पैमाने पर पेडों पर बैठते हैं तो उनके वजन के कारण पेड़ टूट जाते हैं ।

रेगिस्तानी टिड्डी से कौन से देश प्रभावित हैं?

रेगिस्तानी टिड्डी के आक्रमण क्षेत्र में लगभग 30 मिलियन वर्ग कि. मी. क्षेत्र शामिल है जिसमें लगभग 64 देशों के पूरे या कुछ हिस्से शामिल हैं। इसमें उत्तर पश्चिम और पूर्वी अफ्रीकी देश, अरब प्रायद्वीप, तत्कालीन USSR के दक्षिणी गणराज्य, ईरान, अफगानिस्तान, भारतीय उप-महाद्वीप जैसे देश शामिल हैं। निष्क्रियता की अवधि के दौरान टिड्डी कम घनत्व में शुष्क और अर्ध-शुष्क भूमि का एक विस्तृत क्षेत्र जो अटलांटिक महासागर से उत्तर पश्चिम भारत तक फैला हुआ है, में रहती है । यह क्षेत्र 30 देशों में लगभग 16 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है ।

टिड्डियों के लिए कितने प्रजनन मौसम हैं?

टिड्डियों के लिए तीन प्रजनन मौसम होते हैं (i)शीतकालीन प्रजनन [नवंबर से दिसंबर], (ii) वसंत प्रजनन [जनवरी से जून] और (iii) ग्रीष्म प्रजनन [जुलाई से अक्टूबर].
भारत में केवल एक टिड्डी प्रजनन का मौसम है और वह ग्रीष्म प्रजनन है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में वसंत और ग्रीष्म दोनों प्रजनन मौसम हैं।

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